8th Pay Commission 2024 – केंद्रीय सरकारी कर्मचारी लंबे समय से आठवें वेतन आयोग का इंतजार कर रहे थे, लेकिन हालिया अपडेट के अनुसार, इसका गठन नहीं होगा। इसके बजाय सैलरी हाइक के लिए नया सिस्टम लागू करने की चर्चा है।
सातवें वेतन आयोग के तहत 2016 में न्यूनतम वेतन 7000 से बढ़ाकर 18000 रुपये किया गया था, और उच्चतम सैलरी 2.5 लाख रुपये तक पहुंची थी। अब कर्मचारी नई वेतन वृद्धि की उम्मीद कर रहे थे, लेकिन आठवें आयोग की जगह नए सिस्टम की संभावना ने उनकी उम्मीदों को झटका दिया है।
क्या वाकई 8वें वेतन आयोग का गठन होगा
अभी तक सरकार ने आठवें वेतन आयोग के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। आमतौर पर हर 10 साल में एक नया कमीशन बनाया जाता है। अगर यह ट्रेंड जारी रहता है, तो इसका जल्द ऐलान हो सकता है और 2026 तक इसे लागू किया जा सकता है। हालांकि, इस बार ऐसा लगता है कि सरकार कुछ अलग सोच रही है।
कुछ बड़े सरकारी अधिकारियों ने यह संकेत दिया है कि सरकार कर्मचारियों की सैलरी बढ़ाने के लिए नए वेतन आयोग के गठन की बजाय परफॉर्मेंस को आधार बना सकती है। इस समय आधिकारिक घोषणा न होने के कारण कर्मचारियों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है।
क्या नया सिस्टम वेतन आयोग की जगह ले लेगा?
वित्त मंत्रालय ने हाल ही में संसद में बताया कि आठवें वेतन आयोग की कोई योजना नहीं है। इस घोषणा के बाद, यह चर्चा बढ़ गई है कि सरकार सैलरी बढ़ाने के लिए एक नया सिस्टम लागू कर सकती है। संभावित विकल्पों में परफॉर्मेंस-बेस्ड सिस्टम या महंगाई दर को आधार बनाना शामिल है। अगर ऐसा होता है, तो कर्मचारियों को नियमित सैलरी एडजस्टमेंट के लिए 10 साल तक इंतजार नहीं करना पड़ेगा। हालांकि, इस मामले में अभी कोई स्पष्ट और आधिकारिक जानकारी नहीं है। सरकार अपने निर्णय लेने में सतर्कता बरत रही है।
8वें वेतन आयोग से कौन-कौन सी सिफारिशें आ सकती हैं?
अगर 8वां वेतन आयोग बनता है, तो कर्मचारियों को कुछ बदलावों की उम्मीद हो सकती है।
न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी: यूनियनें न्यूनतम वेतन को 18,000 रुपये से बढ़ाकर 26,000 से 30,000 रुपये प्रति माह करने की मांग कर रही हैं। महंगाई और जीवनयापन की बढ़ती लागत इसके पीछे का मुख्य कारण है।
फिटमेंट फैक्टर: वर्तमान में फिटमेंट फैक्टर 2.57 है। इसे 3.5 या 3.8 तक बढ़ाया जा सकता है। फिटमेंट फैक्टर यह निर्धारित करता है कि सैलरी को कैसे एडजस्ट किया जाएगा।
महंगाई भत्ता (DA): महंगाई की भरपाई के लिए कर्मचारियों को साल में दो बार डीए मिलता है। नया आयोग डीए को महंगाई के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाने का सुझाव दे सकता है।
पेंशन में बदलाव: जो पेंशनभोगी हैं, खासकर जो सातवें वेतन आयोग से पहले रिटायर हुए थे, उन्हें इस बदलाव का फायदा मिल सकता है। पेंशन में समानता की मांग काफी समय से उठाई जा रही है।
हाउसिंग और ट्रैवल अलाउंस: आयोग मौजूदा खर्चों के अनुसार हाउस रेंट अलाउंस (HRA) और ट्रैवल अलाउंस (TA) को अपडेट कर सकता है।
वेतन आयोग की सिफारिशें लागू करना महंगा पड़ सकता है। 7वें वेतन आयोग ने सरकारी खर्च में हर साल 1 लाख करोड़ रुपये की बढ़ोतरी की थी। 8वें वेतन आयोग का भी कुछ ऐसा ही प्रभाव हो सकता है।
खर्च में बढ़ोतरी से सार्वजनिक वित्त पर दबाव पड़ सकता है। लेकिन, इससे उपभोक्ता खर्च में भी इजाफा होगा। ज्यादा सैलरी का मतलब है ज्यादा डिस्पोजेबल इनकम, जिससे सामान और सेवाओं की मांग बढ़ सकती है और इससे अर्थव्यवस्था को फायदा होगा।
अभी आठवें वेतन आयोग के बारे में कोई ठोस जानकारी नहीं है। सरकार पुराने तरीके पर चलने का फैसला कर सकती है या फिर नई प्रणाली को अपनाने का। सरकारी कर्मचारी और पेंशनभोगी इस घोषणा का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, क्योंकि उन्हें काफी समय से कोई अच्छी खबर चाहिए। इस निर्णय का इंतजार सभी के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।