Income Tax Return Filing : अब इनकम टैक्स रिटर्न भरना और भी आसान होने वाला है! सरकार आपकी ज़िंदगी को और भी सुगम बनाने के लिए कई बड़े बदलाव कर रही है। जल्दी ही आपको टैक्स रिटर्न फाइल करने के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की जरूरत नहीं पड़ेगी। ऐसा इसलिए क्योंकि सरकार टैक्स कानूनों और रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को सरल और सहज बना रही है।
सरकार का उद्देश्य
फिलहाल इनकम टैक्स कानून काफी जटिल हैं, और टैक्स विवादों की संख्या भी लगातार बढ़ रही है। अनुमान है कि लगभग 120 बिलियन डॉलर (10.5 लाख करोड़ रुपये) के टैक्स विवाद अभी पेंडिंग हैं। इन विवादों को कम करने और रिटर्न फाइलिंग को आसान बनाने के लिए, सरकार ने इनकम टैक्स एक्ट 1961 की गहराई से समीक्षा करने का फैसला किया है। इस दिशा में पहला कदम, टैक्स कानूनों की भाषा और प्रक्रिया को सरल बनाना है।
समिति का गठन और रिपोर्ट का मसौदा
इस काम के लिए, केंद्र सरकार ने सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) के तहत एक विशेष समिति का गठन किया है। यह समिति 2025 की शुरुआत में पब्लिक कंसल्टेशन के लिए अपनी ड्राफ्ट रिपोर्ट पेश करेगी। इस रिपोर्ट को सभी के विचारों और सुझावों के लिए सार्वजनिक किया जाएगा। रिपोर्ट में दिए गए सुझावों को ध्यान में रखते हुए, 1 फरवरी 2025 को बजट के दौरान इस सुधार की अंतिम रूपरेखा पेश की जाएगी।
पब्लिक कंसल्टेशन और पारदर्शिता
सरकार चाहती है कि ये सुधार केवल कानूनों तक ही सीमित न रहें, बल्कि जनता को सीधे फायदा पहुंचाएं। इसलिए ड्राफ्ट रिपोर्ट को आम लोगों के लिए उपलब्ध कराया जाएगा, ताकि वे भी अपनी राय दे सकें। यह प्रक्रिया नए कानूनों को अधिक पारदर्शी और टैक्सपेयर्स के लिए उपयोगी बनाएगी।
टैक्स कानूनों की भाषा होगी आसान
अक्सर इनकम टैक्स कानूनों की भाषा इतनी जटिल होती है कि आम आदमी के लिए इसे समझना मुश्किल हो जाता है। लेकिन सरकार इस जटिलता को खत्म करना चाहती है। नए सुधारों के तहत इन कानूनों को सरल और गैर-तकनीकी भाषा में लिखा जाएगा। इसके अलावा, टैक्स कैलकुलेशन के लिए टेबल और फॉर्मूलों को और आसान बनाया जाएगा, ताकि लोग खुद से ही इनका इस्तेमाल कर सकें।
“टैक्स ईयर” की शुरुआत
फिलहाल इनकम टैक्स सिस्टम में “असेसमेंट ईयर (AY)” और “फाइनेंशियल ईयर (FY)” का इस्तेमाल होता है, जो कुछ लोगों के लिए भ्रम पैदा कर सकता है। इसे खत्म कर सरकार “टैक्स ईयर” की नई अवधारणा लाने की तैयारी कर रही है। इससे न केवल भ्रम खत्म होगा, बल्कि रिटर्न फाइलिंग भी आसान हो जाएगी।
फेसलेस और फ्रेंडली टैक्स प्रक्रिया
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अधिकारियों को यह स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि वे टैक्सपेयर्स के साथ फेसलेस, फेयर और फ्रेंडली अप्रोच अपनाएं। मतलब यह कि अब टैक्स नोटिस की भाषा भी सरल होगी और टैक्सपेयर्स को आसानी से समझ आ सकेगी। ऐसा करने से लोग बिना वकील या पेशेवर मदद के ही टैक्स नोटिस का जवाब दे पाएंगे।
रिटर्न फाइलिंग में सुधार
रिटर्न फाइलिंग की प्रक्रिया को और भी आसान बनाने के लिए सरकार एडिशनल फॉर्म्स की संख्या कम करने जा रही है। इसके चलते टैक्सपेयर्स को पेशेवरों की जरूरत कम पड़ेगी, और वे खुद से ही आसानी से रिटर्न फाइल कर पाएंगे।
टैक्स विवादों का समाधान
टैक्स विवादों के मामले भारत में बेहद आम हो गए हैं। इसका असर न केवल टैक्सपेयर्स पर पड़ता है, बल्कि सरकारी राजस्व पर भी पड़ता है। सरकार अब टैक्स कानूनों को सरल और पारदर्शी बनाकर इन विवादों को कम करने की कोशिश कर रही है।
आसान प्रक्रियाओं का फायदा
इन सुधारों का सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि आम आदमी पर नौकरशाही का बोझ कम होगा। लोग बिना किसी परेशानी के टैक्स कानूनों का पालन कर पाएंगे। सरकार की यह कोशिश है कि इन सुधारों से टैक्स कानून सरल बनें, विवाद कम हों, और टैक्स कलेक्शन में सुधार हो।
अगर सरकार के ये प्रस्ताव सफल होते हैं, तो जल्द ही आपको टैक्स रिटर्न भरने के लिए किसी की मदद की जरूरत नहीं पड़ेगी। इन सुधारों से सिर्फ टैक्सपेयर्स को नहीं, बल्कि पूरे टैक्स सिस्टम को फायदा होगा। तो, तैयार हो जाइए एक नए और आसान टैक्स सिस्टम के लिए!