RBI की चेतावनी: गारंटर बनने से पहले जानें ये नियम, वरना चुकानी पड़ सकती है भारी रकम! Loan Guarantor Rules

Loan Guarantor Rules: आजकल लोग घर खरीदने, गाड़ी लेने, या फिर किसी बड़े खर्च को पूरा करने के लिए बैंकों और अन्य वित्तीय संस्थानों से लोन लेते हैं। यह सब कुछ तो ठीक है, लेकिन जब बैंक लोन देते हैं, तो अक्सर वो किसी गारंटर (Guarantor) की मांग करते हैं। यही वो जगह है जहां आप जैसे किसी को गारंटी के लिए खड़ा होना पड़ता है। लेकिन गारंटर बनने का मतलब सिर्फ साइन करना नहीं है। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति पैसा नहीं चुकाता, तो सारी जिम्मेदारी गारंटर की हो जाती है। चलिए, इस मामले को और अच्छे से समझते हैं।

क्या होता है अगर लोन नहीं चुकाया जाए?

जब कोई व्यक्ति अपना लोन समय पर नहीं चुकाता है, तो उसे डिफॉल्टर घोषित कर दिया जाता है। डिफॉल्टर बनने का मतलब है:

  1. क्रेडिट स्कोर खराब हो जाता है: भविष्य में लोन लेना मुश्किल हो सकता है।
  2. गिरवी रखी प्रॉपर्टी जब्त हो सकती है: बैंक ऐसी संपत्ति को नीलाम कर सकते हैं।
  3. गारंटर पर आ सकती है जिम्मेदारी: अगर कर्जदार पैसा नहीं चुकाता, तो गारंटर से वसूली की जाती है।

गारंटर बनने का मतलब क्या है?

गारंटर बनने का सीधा मतलब है कि आप उस व्यक्ति के लोन का भरोसा दे रहे हैं। अगर लोन लेने वाला व्यक्ति पैसा नहीं चुकाता, तो बैंक सीधे आपसे संपर्क करेंगे।

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  • गारंटर एग्रीमेंट: बैंक लोन देने से पहले गारंटर के साथ एक एग्रीमेंट साइन करवाते हैं। इसमें साफ लिखा होता है कि अगर लोन लेने वाला डिफॉल्ट करता है, तो गारंटर को पूरा पैसा चुकाना होगा।
  • बैंक की प्रक्रिया: पहले बैंक लोन लेने वाले को नोटिस भेजते हैं। अगर इसके बाद भी पैसा नहीं मिलता, तो गारंटर से संपर्क किया जाता है।

गारंटर बनने से पहले किन बातों का ध्यान रखें?

गारंटर बनने का फैसला जल्दबाजी में नहीं लेना चाहिए। इससे पहले इन बातों पर जरूर गौर करें:

  1. उस व्यक्ति को अच्छे से जानें।
    गारंटर बनने से पहले यह पक्का करें कि जिस व्यक्ति के लिए आप गारंटी दे रहे हैं, वो भरोसेमंद हो। उसकी आर्थिक स्थिति की जांच करें।
  2. उसका क्रेडिट इतिहास चेक करें।
    यह जानना बेहद ज़रूरी है कि उसने पहले कभी कोई लोन चुकाने में गड़बड़ी तो नहीं की।
  3. लोन इंश्योरेंस कवर पर जोर दें।
    लोन लेने वाले व्यक्ति को लोन इंश्योरेंस खरीदने के लिए कहें। यह एक बैकअप की तरह काम करता है और आपको वित्तीय संकट से बचा सकता है।
  4. रिश्तों पर असर पड़ सकता है।
    गारंटर बनने के बाद अगर मामला बिगड़ता है, तो इसका असर आपकी और लोन लेने वाले की रिलेशनशिप पर पड़ सकता है। इसे ध्यान में रखें।

क्या करें अगर आप गारंटर बन चुके हैं?

अगर आपने गारंटी दे दी है और लोन लेने वाला व्यक्ति पैसा नहीं चुकाता, तो घबराएं नहीं। कुछ स्टेप्स लेकर आप खुद को बचा सकते हैं:

  • बैंक से बात करें और पूरी स्थिति को समझें।
  • कर्जदार को पैसा चुकाने के लिए प्रोत्साहित करें।
  • वकील की मदद लें और समझें कि आपके अधिकार क्या हैं।

गारंटर बनने का फैसला सोच-समझकर लें!

गारंटर बनने का मतलब एक बड़ी जिम्मेदारी लेना है। यह फैसला सोच-समझकर करें। अगर आप ऐसे किसी व्यक्ति के लिए गारंटी दे रहे हैं जो आर्थिक रूप से स्थिर है और समय पर पैसे चुकाने का ट्रैक रिकॉर्ड रखता है, तो यह ठीक हो सकता है। लेकिन अगर आपको जरा भी शक है, तो बेहतर होगा कि आप politely इनकार कर दें।

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याद रखें, “दोस्ती अपनी जगह है, लेकिन पैसा अपनी जगह!” अगर यह जानकारी आपके लिए मददगार लगी हो, तो इसे दूसरों के साथ जरूर शेयर करें ताकि वे भी जागरूक रहें! 😊

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