EPS-95 Pension Update: केंद्र सरकार ने कर्मचारी पेंशन योजना (EPS-95) में एक महत्वपूर्ण बदलाव किया है, जिसका फायदा करीब 23 लाख कर्मचारियों को होने वाला है। यह बदलाव खासतौर पर उन कर्मचारियों के लिए है, जो छह महीने से कम की अंशदायी सेवा पूरी करने के बाद इस योजना को छोड़ देते थे। अब, ऐसे कर्मचारियों को भी EPS-95 पेंशन फंड से पैसा निकालने का मौका मिलेगा, जो पहले नहीं था।
EPS-95 पहले क्या था?
हर साल, लाखों कर्मचारी पेंशन योजना के लिए जरूरी 10 साल की अंशदायी सेवा पूरी किए बिना ही कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) योजना से बाहर निकल जाते थे। हालांकि, अगर कोई कर्मचारी छह महीने या उससे ज्यादा समय तक इस योजना में योगदान करता था, तो वह पेंशन फंड से पैसा निकाल सकता था। लेकिन अगर किसी कर्मचारी ने छह महीने से कम समय तक योजना में योगदान दिया था, तो वह पेंशन के फायदे से वंचित रह जाता था। ऐसे कर्मचारियों के निकासी दावे खारिज कर दिए जाते थे।
इसका सबसे बड़ा असर उन कर्मचारियों पर पड़ा, जिन्होंने कम सेवा दी थी या जिनकी उम्र 58 साल या उससे ज्यादा हो गई थी। कई बार ऐसे कर्मचारियों को उनके छोटे योगदान के बावजूद पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता था। रिपोर्ट्स के अनुसार, वित्त वर्ष 2023-24 में छह महीने से कम सेवा देने के कारण करीब सात लाख दावे खारिज कर दिए गए थे।
EPS-95 Pension Update में अब क्या बदला है?
इस बदलाव के तहत, सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि अब हर कर्मचारी की सेवा के महीनों को ध्यान में रखा जाएगा और उसी के हिसाब से उन्हें निकासी लाभ मिलेगा। इसका मतलब है कि अब अगर किसी कर्मचारी ने छह महीने से कम सेवा दी है, तो उसे उसकी सेवा के महीनों के अनुपात में पैसा मिलेगा, न कि पहले जैसा पूर्णता का नियम।
यह बदलाव EPS-95 पेंशन स्कीम को और भी ज्यादा लचीला बनाता है, क्योंकि अब छोटे योगदान वाले कर्मचारियों को भी कुछ राहत मिलेगी। सरकार ने यह कदम यह सुनिश्चित करने के लिए उठाया है कि सभी कर्मचारियों को उनका हक मिले और उन्हें पेंशन फंड से निकासी का लाभ मिल सके।
कौन-कौन से कर्मचारी होंगे प्रभावित?
इस बदलाव का सबसे बड़ा फायदा उन कर्मचारियों को होगा जो छह महीने से कम समय तक पेंशन योजना में योगदान देते थे। अब इन कर्मचारियों को अपनी सेवा के अनुपात में निकासी का लाभ मिल सकेगा। इसका मतलब है कि अगर कोई कर्मचारी एक महीने तक भी योजना में योगदान करता है, तो उसे उसी अनुपात में निकासी लाभ मिलेगा।
इसके अलावा, जिन कर्मचारियों ने 58 वर्ष की उम्र पूरी कर ली है और जिन्होंने पेंशन योजना से पूरी सेवा नहीं दी है, उन्हें भी इस संशोधन का लाभ मिलेगा। पहले इन कर्मचारियों को भी योजना छोड़ने के बाद पेंशन का लाभ नहीं मिल पाता था। अब यह बदलाव सुनिश्चित करेगा कि इन कर्मचारियों को भी योजना के तहत अपनी सेवा के महीनों के हिसाब से पैसा निकासी के रूप में मिलेगा।
EPS-95 पेंशन योजना की प्रमुख बातें
EPS-95 पेंशन स्कीम 1995 में शुरू की गई थी। यह स्कीम कर्मचारियों के लिए है जो EPF में योगदान करते हैं। इसमें नियोक्ता और कर्मचारी दोनों का योगदान होता है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य यह है कि जब कर्मचारी सेवा के दौरान काम करने के बाद रिटायर होते हैं, तो उन्हें एक सुनिश्चित पेंशन मिल सके।
इस योजना के तहत पेंशन शुरू करने के लिए न्यूनतम 10 साल की अंशदायी सेवा आवश्यक होती है। अगर किसी कर्मचारी ने इस समय तक योजना में योगदान दिया है, तो वह पेंशन प्राप्त करने के योग्य हो जाता है। इससे कर्मचारियों को उनके रिटायरमेंट के बाद वित्तीय सुरक्षा मिलती है।
नया बदलाव क्यों जरूरी था?
यह बदलाव इसलिए जरूरी था क्योंकि बहुत से कर्मचारियों को छोटे योगदान के बावजूद पेंशन का लाभ नहीं मिल रहा था। खासकर उन कर्मचारियों के लिए जो योजना छोड़ने से पहले ही काफी समय से काम कर रहे थे। अब सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि सेवा के महीनों को सही तरीके से ध्यान में रखते हुए निकासी लाभ दिया जाए। इससे उन कर्मचारियों को फायदा होगा जिन्होंने योजना में कुछ समय योगदान किया है, लेकिन किसी कारणवश 10 साल की अंशदायी सेवा पूरी नहीं कर पाए।
EPS-95 पेंशन योजना में हुआ यह बदलाव कर्मचारियों के लिए एक बड़ी राहत है। यह न केवल उन्हें निकासी का अवसर प्रदान करता है, बल्कि यह सुनिश्चित करता है कि पेंशन का लाभ अब ज्यादा से ज्यादा कर्मचारियों तक पहुंचे। इस संशोधन से यह साबित होता है कि सरकार कर्मचारियों के भले के लिए लगातार काम कर रही है और उन्हें उनकी मेहनत का सही भुगतान देने के लिए प्रतिबद्ध है।