School Winter Vacation : उत्तर भारत की ठंड अपने चरम पर है, और इसी वजह से अलीगढ़ जिले में कक्षा 1 से 8 तक के सभी सरकारी और प्राइवेट स्कूलों को 14 जनवरी तक बंद रखने का आदेश दिया गया है। यह निर्णय ठंड से बचाव के लिए छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है। प्रभारी बीएसए सतीश कुमार शर्मा ने कहा कि इस आदेश का पालन परिषदीय, राजकीय, वित्तीय सहायता प्राप्त, और सीबीएसई व आईसीएसई से मान्यता प्राप्त सभी स्कूलों को करना होगा।
आदेश न मानने पर सख्त कार्रवाई
बीएसए ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई स्कूल इस आदेश का पालन नहीं करता, तो उसके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की जाएगी। प्रशासन यह सुनिश्चित करने के लिए दृढ़ है कि छात्रों और शिक्षकों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो।
ठंड का प्रकोप और सुरक्षा के उपाय
सर्दी इस समय अपने चरम पर है, घने कोहरे और बर्फीली हवाओं के कारण स्कूल आने-जाने में छात्रों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है। ठंड से बचाव के लिए छात्रों को गर्म कपड़े पहनने, ठंडे पेय पदार्थों से बचने और संतुलित आहार लेने की सलाह दी गई है। घर में हीटर या अंगीठी का उपयोग करते समय भी विशेष सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि इससे दम घुटने का खतरा हो सकता है।
नया शैक्षिक कैलेंडर और परीक्षाओं का प्लान
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने 2025 के लिए नया शैक्षिक कैलेंडर जारी किया है। इसमें 234 दिन पढ़ाई के लिए और 119 दिन सार्वजनिक अवकाश, ग्रीष्मकालीन अवकाश, और शीतकालीन अवकाश के लिए निर्धारित किए गए हैं। कैलेंडर में बोर्ड परीक्षाओं की तारीखें भी तय की गई हैं, जो 12 दिनों तक चलेंगी। यह संतुलित शेड्यूल छात्रों को पर्याप्त पढ़ाई और परीक्षा की तैयारी का समय प्रदान करता है।
अवकाश का महत्व
ग्रीष्म और शीतकालीन अवकाश बच्चों और शिक्षकों को न केवल मौसम से राहत देता है, बल्कि नई ऊर्जा और उत्साह के साथ वापस आने का मौका भी प्रदान करता है। यह आराम और पुनःस्थापन का समय है, जिसमें वे अपने परिवार के साथ अच्छा समय बिता सकते हैं और अपनी मानसिक और शारीरिक सेहत का ध्यान रख सकते हैं।
घर पर पढ़ाई जारी रखें
छुट्टियों के दौरान छात्रों को पढ़ाई से जोड़े रखने के लिए शिक्षकों ने उन्हें होमवर्क और प्रोजेक्ट्स दिए हैं। यह सुनिश्चित करने के लिए किया गया है कि जब स्कूल फिर से खुलें, तो छात्रों को किसी भी विषय में पीछे न रहना पड़े। अभिभावकों को सलाह दी गई है कि वे बच्चों के होमवर्क में मदद करें और उनका समय सही तरीके से व्यवस्थित करें।
स्कूलों के लिए दिशा-निर्देश
माध्यमिक शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रबंधन से भी आग्रह किया है कि वे छात्रों की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और सरकारी आदेशों का पालन करें। प्रबंधन को यह सुनिश्चित करने की आवश्यकता है कि छात्रों और शिक्षकों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर किसी भी प्रकार का समझौता न हो।
बढ़ती जिम्मेदारी
स्कूल बंद होने से छात्रों और अभिभावकों को ठंड से कुछ राहत जरूर मिलेगी, लेकिन यह जिम्मेदारी भी बढ़ाती है कि छुट्टियों का समय सार्थक और उत्पादक तरीके से बिताया जाए। अभिभावकों और शिक्षकों को चाहिए कि वे बच्चों को ठंड से बचाने के साथ-साथ उनकी पढ़ाई का भी ख्याल रखें।
सर्दियों की छुट्टियां न केवल मौसम की मुश्किलों से बचाने के लिए हैं, बल्कि यह एक ऐसा समय है जो बच्चों और परिवार के लिए खास हो सकता है। ठंड से बचाव की सभी तैयारियां कर लें और इस अवकाश का भरपूर आनंद उठाएं। नई ऊर्जा के साथ पढ़ाई और जीवन में आगे बढ़ने का यह सही मौका है।